हमारे भारतीय शास्त्र कहते है कि सूर्य का व्रत करने से काया निरोगी तो होती ही है, साथ ही अशुभ फल भी शुभ फल में बदल जाते है। शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य पीडित अवस्था में हो, उन व्यक्तियों के लिये रविवार का व्रत करना विशेष रूप से लाभकारी रहता है। इसके अतिरिक्त रविवार का व्रत आत्मविश्वास में वृ्द्धि करने के लिये भी किया जाता है। रविवार का व्रत समस्त कामनाओं की सिद्धि, नेत्र रोगों में कुष्ठादि व चर्म रोगों में कमी, आयु व सौभाग्य वृ्द्धि के लिये किया जाता है। यह व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से प्रारम्भ करके कम से कम एक वर्ष और अधिक से अधिक बारह वर्ष के लिये किया जा सकता है। रविवार क्योंकि सूर्य देवता की पूजा का दिन है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से सुख -समृ्द्धि, धन- संपति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिये इस व्रत का महत्व कहा गया है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से व्यक्ति कि सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस उपवास करने वाले व्यक्ति को मान-सम्मान, धन, यश और साथ ही उतम स्वास्थय भी प्राप्त होता है।
विधि- रविवार का व्रत धारण करने के लिए आपको शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से प्रारंभ करना चाहिये और इस व्रत को कम से कम एक वर्ष या फिर बारह वर्ष तक धारण करना चाहिये। रविवार सुबह लाल रंग के कपड़े पहनकर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव को जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दुर्वा से अघ्र्य देकर पूजन करे। भोजन सूर्यास्त के बाद ही करें और इसमें गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करें।
रविवार के दिन कीये गये सूर्य व्रत के लाभ – संपूर्ण संसार के प्रत्यक्ष देवता भागवान सूर्य के व्रत से आपको समाज में मान-सम्मान, यश और विशेष लाभ मिलता है। जीवन में कभी भी नौकरी में दिक्कत नही होती है । सूर्य देव की प्रसन्नता से आपको बुद्धि, विद्या, वैभव और पराक्रम सब कुछ बिन मांगे ही मिल जाता है ।
रविवार व्रत के दिन इन कार्यों पर रखे पूर्ण पावंदी – इस दिन नमक और तेल का सेवन न करें, मांस और मदिरा से दूर रहे, तांबे की वस्तु न ही खरीदें और न ही बेचे । इस दिन काले और नीले कपडे न धारण करें और व्रती को बाल भी नही कटवाना चाहिये ।
(Updated Date & Time :- 2019-07-20 13:01:27 )
For Latest News Update of astroscience you can subscibe our Newsletter to stay tune with us
Comments