आशा भोंसलेका राशिफल :-
परिवार की सहायता के लिए आशा और इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर ने गाना और फिल्मों में अभिनय शुरू कर दिया। 1943 में इन्होने अपनी पहली फिल्म (मराठी) ‘माझा बाळ’में गीत गाया। यह गीत ‘चला चला नव बाळा...’ दत्ता दवाजेकर के द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। 1948 में हिन्दी फिल्म ‘चुनरिया’ का गीत ‘सावन आया..’ हंसराज बहल के लिए गाया। दक्षिण एशिया की प्रसिद्ध गायिका के रूप में आशा जी ने गीत गाए। फिल्म संगीत, पॉप, गज़ल, भजन, भारतीय शास्त्रीय संगीत, क्षेत्रीय गीत, कव्वाली, रवीन्द्र संगीत और नजरूल गीत इनके गीतों में सम्मिलित है। इन्होंने 14 से ज्यादा भाषाओं में गीत गाए यथा– मराठी, आसामी, हिन्दी, उर्दू, तेलगू, मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, अंग्रेजी, रशियन, जाइच, नेपाली, मलय और मलयालम में 12000 से अधिक गीतों को आशा जी ने आवाज दी। आशा भोंसले का जन्म 08 सितम्बर 1933 को शुक्र की महादशा मे हुआ। इनके पिता भी पेशे से गायक रहे है। शुक्र की महादशा इनके जीवन मे 16 साल तक रही, शुक्र इनकी जन्म कुंडली मे नीच घर मे बेठा है, जहा से शुक्र अपने नीच फल देता है। आशा भोंसले जी की पढ़ाई लिखाई का कुछ अच्छा फल नहीं मिलता और इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत मात्र 10 साल की उम्र में किया। इनकी जन्म कुंडली के अनुसार इनकी काफी छोटी उम्र मे कैरियर बनाने के योग बने लेकिन इनको उस वक्त कुछ खास लाभ नहीं मिला ।
07 अगस्त 1948 मे सूर्य की महादशा 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी उम्र से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति ‘गणपत राव भोंसले ’ के साथ पारिवारिक इच्छा के विरूद्ध विवाह करने के योग बने। सूर्य इनकी जन्म कुंडली मे पंचम भाव मे केतू के साथ बैठे है जो ग्रहण का योग बनाता है जहा से इनके मान-सम्मान मे काफी हानि का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद इनको इस दशा के अंतर्गत अपना काम मे नेम फ़ेम हासिल किया और आगे बढने के योग बने। 06 अगस्त 1954 मे चन्द्र की महादशा मे 3 बच्चो के बाद मे अपने पति गणपत राव भोंसले से 1960 मे अलगाव होने के योग बने। चन्द्र इनकी जन्म कुंडली मे लग्न मे बैठ कर मन को संतुष्ट नहीं रहने देता। इनकी ज़िंदगी मे संघर्ष देते रहने के योग भी बनते है और इनकी जन्म कुंडली मे किसी भी व्यक्ति के साथ ज्यादा लंबे समय तक जुड़ कर रहने के योग नहीं है। 06 अगस्त 1964 मे मंगल की महादशा मे अपने गायकी के काम का उत्तम फल मिला। मंगल इनकी जन्म कुंडली मे सप्तम भाव मे बैठे है जहा से मंगल ने इन्हे काम का सुख तो अच्छा दिया लेकिन जीवन साथी के सुखो से वंचित रखा लेकिन जन्म कुंडली के अनुसार इनके जीवन मे एक से अधिक जीवन साथी का योग बनाता है। इनके 3 बेटे और एक बेटी का योग है। 07 अगस्त 1971 मे राहू की महादशा के अंतर्गत इनके जीवन मे दोबारा शादी के योग बने। 1980 मे आशा जी ने ‘राहुल देव वर्मन’ से विवाह के योग बने। इन्होने अपने जीवन मे काफी शोहरत और मान सम्मान मिला और अपने गायकी के चलते इन्हे कई तरीके के मेडल से नवाज़े जाने के योग बने। जन्म कुंडली मे राहू ग्यारहवें भाव मे बैठा है जहा से लाभ का स्थान देखा जाता है राहू ने इनको अपने क्षेत्र मे अच्छा लाभ मिला । 07 अगस्त 1989 मे गुरु की महादशा लगी गुरु इनकी जन्म कुंडली मे छठें भाव मे बैठे है, जहा से यह योग जातक को बैठ कर खाने के योग देता है और रोग के स्थान मे बैठकर पेट से संबन्धित परेशानियां देने के भी योग बनाता है । यह महादशा इनके जीवन मे 16 साल तक रही जिसमे इनको मिला जुला सा फल मिला। 07 अगस्त 2005 मे इनके जन्म कुंडली के अनुसार शनि की महादशा 19 साल तक रहेगी शनि इनकी जन्म कुंडली मे दसवें भाव मे स्थित है और पाचवें से टक्कर खराब है जिसके चलते 2012 मे इनके बेटी से अलगाव होने के योग बने। इस महादशा के अंतर्गत इन्होने इस समय मे संघर्ष और सेहत मे खराबी वाला समय रहा जिसके चलते इनको अपनी जन्म कुंडली के उपाय करने की आवश्यकता रहेगी।