कल्पना चावलाका राशिफल :-
कल्पना चावला अपने सपने को सच में साबित करने के लिए चंड़ीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। और बुध की महादशा मे जो की उनके काम काज के स्थान पर बैठे है इस महादशा के अंतर्गत 1982 में उन्होनें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी कर ली उसी साल कल्पना चावला इसी दशा के अंतर्गत इनके बाहर जाने के योग बने और अपनी पढ़ाई पूरी करने बाद ये विदेश चली गयी ।
Nov 1989 मै जैसे ही केतू की महादशा लगी केतू इनके काम काज के स्थान मे बैठे है जहाँ से इनको विदेश जाकर बसने के योग बनाता है और इनको अपने काम मे खूब सराहना मिली और तरक्की के अच्छे योग बने । इनकी जन्म कुंडली मै गुरु 9th स्थान मै बेठे है जहा से एयरोस्पेस में अपनी कई डिग्री होने के वजह से इनको नासा में 1993 में केतू की महादशा मे इनके लिए काफी लाभ कारक हुई केतू इनके जन्म कुंडली मै १०th स्थान me काम काज के स्थान मे बैठे है शुक्र की महादशा ने इनके अपने व्यबसाय मे आगे बढ्ने के योग बने अमेश रिसर्च सेंटर ’ में ‘ओवरसेट मेथड्स इंक’ के उपाध्यक्ष के रूप में काम करने के योग बने। इसके उपरांत शुक्र की महादशा जो की इनकी जन्म कुंडली मै १२th भाव मे शुक्र की महादशा मै इनको 1995 तक वह नासा ‘अंतरिक्ष यात्री कोर’ एस्ट्रोनोट कॉर्प की तरफ बढ्ने के योग बने इसके कुछ समय के अंतराल मे उसे अंतरिक्ष के शटल में पृथ्वी के चारों ओर यात्रा करने के लिए इनको चुना गया । इसमें कल्पना चावलस्पार्टन सैटेलाइट के आयोजन करने के लिए ज़िम्मेदार सौंपी गई थी लेकिन वहा से इनको सफलता नहीं मिली तकनीकी त्रुटियों के कारण, सैलेलाइट ने ग्राउंड स्टाफ और फ्लाइट क्रू सदस्यों के नियंत्रण को रोक दिया। लेकिन कल्पना चावला ने अपनी काबिलियत के बलबूते यात्रा को सफल बनाने मे सक्षम रही लेकिन कल्पना चावला की जन्म कुंडली सूर्य चन्द्र की ११th मै युति अल्प आयु के योग बनाती है । शुक्र की महादशा मै और सूर्य की अंतर्दशा मे भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा ही उनकी अंतिम यात्रा साबित हुई। 16 दिन की अंतरिक्ष यात्रा पूरा कर लौट रहा अमरीकी अंतरिक्ष यान कोलंबिया में 1 फरवरी 2003 को धरती से 63 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के वायुमंडल मे प्रवेश करते ही दुर्घटना के योग बने और कल्पना चावला ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया