महेश भट्टका राशिफल :-
उनके प्रोडक्शन विशेष फिल्मिस की यह खासियत है कि उनके बैनर तले बनी फिल्मों के गाने सुपरहिट होते हैं और उनका संगीत अन्य से काफी अलग और कर्णप्रिय होता हैं। भट्ट हमेशा नए टैलेंट को बढ़ावा देते हैं। हिन्दी फिल्म जगत के निर्माता महेश भट्ट का जन्म केतु की महादशा मे 20 सितंबर 1948 मे मुंबई महाराष्ट्र मे हुआ। केतु की महादशा इनके जीवन मे 7 साल तक रही। केतु इनकी जन्म कुंडली मे ग्यारहवें भाव मे यानि की लाभ के स्थान मे बैठे है। अगर हम इनकी शुरुआती पढ़ाई की बात करे तो चन्द्र और शनि की युति कुंडली दसवें भाव में है, जहा से ऐसे जातक अपनी पढ़ाई से संबन्धित परेशानिया का शिकार होते है। मन को संतुष्ट नहीं रहने देती शुक्र की महादशा इनकी जन्म कुंडली मे 19 मई 1955 से इनके जीवन मे लगी । शुक्र इनकी जन्म कुंडली मे बारहवें भाव मे बैठे है, जहा से जातक को अपनी इच्छाएं पूरी करने मे सक्षम बनाता है। शुक्र की महादशा के दौरान इनकी पढ़ाई के साथ-साथ काम-काज करने के योग बने और हिन्दी फिल्म जगत मे निर्देशक के रूप मे उभर कर आए शुक्र ने इनकी मेहनत का अच्छा लाभ मिला। इन्होने शुक्र गृह से संबन्धित ही क्षेत्र मे अपना काम चुना। इस महादशा मे ही इनकी शादी के योग बने और इनका विवाह किरण से 1970 मे हुआ इनकी दो संताने जिनका नाम पूजा भट्ट और राहुल भट्ट है। 19 मई 1975 मे सूर्य की महादशा मे इनको अपने काम मे बहुत सराहना और मान सम्मान मिला। सूर्य इनकी जन्म कुंडली मे ग्यारहवें भाव मे है, जहा से इंसान के काम और मान-सम्मान मे तरक्की के योग बनाता है। ऐसा इंसान अगर मांस मदिरा का सेवन न करे तो एक अच्छे रुतबे का मालिक बनाता है नहीं तो मान सम्मान मे हानि करता है । 19 मई 1981 मे चन्द्र की महादशा के अंतर्गत इनको काम के क्षेत्र मे परेशानिओ का सामना करने के योग बनते है क्योंकि चन्द्र इनकी जन्म कुंडली मे दसवें भाव मे शनि के साथ स्थित है। ऐसा जातक अपने संस्कार के विरुद्ध काम करेगा और आर्थिक लाभ मे भी कमी करता है । अतः इसी दशा के अंतर्गत इनकी दूसरी शादी 20 अप्रैल 1986 मे सोनी राज़दान से हुई जिनके 2 बच्चे है अलिया भट्ट और शाहीन भट्ट ।
19 मई 1991 मंगल की महादशा मे इनको काम सुख बहुत मिला लेकिन स्वास्थ्य से संबन्धित परेशानियां भी बढी। मंगल इनके भाग्य के स्थान मे बैठे है और ऐसे इंसान को मेहनत के हिसाब से भाग्य भी साथ देता है, लेकिन राहू की महादशा मे इनके स्वास्थ्य और काम पर अच्छा प्रभाव नहीं डालता क्योकि राहू पांचवें भाव मे स्थित है जो की जातक को दो शादियों के योग देता है, लेकिन काम के क्षेत्र मे ज्यादा अच्छा प्रभाव नहीं देता । राहू इनकी जन्म कुंडली मे 19 मई 1998 से मई 2016 तक रहा । पंचम भाव मे राहु सूर्य ग्रहण बनाता है जो की व्यक्ति को समय समय पर मन और मान सम्मान और स्वभाव मे गुस्सा बढ़ाने के योग बनाता है। गुरु की महादशा मे इनको सुख समृद्धि औलाद का सुख पूर्ण रूप से मिलेगा क्योंकि गुरु इनकी जन्म कुंडली मे दूसरे भाव मे है, जहा से धन का भाव देखा गया है जिससे इनको अच्छा लाभ मिलेगा गुरु इनकी जन्म कुंडली मे 19 मई 2016 से लगी और मई 2032 तक रहेगी ।