मैरी कॉमका राशिफल :-
जब यह मात्र 18 वर्ष की थी तब से उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत कर दी थी। इनका संघर्षमय जीवन रहा है। इनके माता-पिता किसान थे। पुरानी विचारधारा के लोग होने के कारण इनके माता -पिता तनिक भी यह पसंद नहीं करते थे कि उनकी बेटी बॉक्सर बने। इसके लिए मैरी कॉम को अपने परिवार के विरुद्ध भी खड़ा होना पड़ा था। उनके जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन सब का सामना करते हुए उन्होंने अपने कैरियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की तब जाकर आज वह इस मुकाम पर पहुंची है। वह कहती है- “प्रतिभा का संबंध अमीरी या गरीब से नहीं होता। कुछ करने का जज्बा होना चाहिए सफलता मिल ही जाती है।”
मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम का जन्म 9 मार्च 1983 में मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में किसान के परिवार में सूर्य की महादशा में हुआ था । इनकी जन्मकुण्डली के अनुसार चन्द्रमा का पूर्ण सहयोग न होने के कारण इनकी पढ़ाई-लिखाई रूक-रूक कर हुई। चन्द्र की दशा इनकी कुण्डली में 27 अगस्त 1983 से 26 अगस्त 1993 तक रही। मैरी कॉम पाँच बार विश्व मुक्के बाजी प्रतियोगिता विजेता रह चुकी है। मैरी कॉम एक अकेली ऐसी महिला है जिन्होंने पाँच स्वर्ण पदक और एक रजत जीता है।
27 अगस्त 1983 से 26 अगस्त 1993 तक इनकी कुण्डली में चन्द्रमा की महादशा का अच्छा प्रभाव न पड़ने के कारण इनकी पढ़ाई-लिखाई कुछ खास नहीं रही और आर्थिक स्थिति भी खराब रही।
27 अगस्त 1993 से 26 अगस्त 2000 तक मंगल की दशा चली जिसके अन्तर्गत इन्होंने पढ़ाई और साथ ही बॉक्सिंग की ट्रेनिंग गोपाल देवांग एम नरजीत सिंह, चाल्र्स अत्किनसन, रोंगमी जोसिया से ली ।
मैरी कॉम ने घर मे बिना बताये बॉक्सिंग की ट्रेनिंग 1998 से 2000 तक लेती रही उस समय मैरी कॉम ने बॉक्सिंग में जीत हासिल की और उन्हें बॉक्सिंग के अवार्ड से सम्मानित किया गया। मैरी कॉम ने अपने कैरियर की शुरूआत 2001 में अंतर्राष्ट्रीय तौर से की, उस समय इनकी कुण्डली में राहु की महादशा जो कि 27 अगस्त 2003 में आगमन हुआ। यह दशा मैरी कॉम के लिए सफल सिद्ध हुई सन् 2001 में मैरी कॉम की उम्र 18 साल थी जिसमें सबसे पहले इन्होने अमेरिका में आयोजित बॉक्सिंग 48 किलो वजन की कैटागिरी में हिस्सा लिया और सिल्वर मैडल जीता 2002 में तुर्की में आयोजित बॉक्सिंग 45 किलो वजन मे विजयी रही और यहा गोल्ड मैडल अपने नाम किया।
जैसे ही सन् 2003 में राहु की महादशा के अन्तर्गत गुरू की अन्तरदशा लगी इन्होने 2003 में भारत में आयोजित प्रतियोगिता मे गोल्ड मैडल जीता। 2005 में गुरू की अन्तर्दशा में मैरी कॉम ने मार्च 2005 में ओन्लर कॉम नाम के विवाहित व्यक्ति से विवाह किया। एक के बाद एक जीत ने मैरी कॉम को भारतीय की बॉक्सिंग चैम्पियनशिप मे आगे बढ़ने वाली महिला घोषित कर दिया। इन्होने कई स्वर्ण पदक व रजत पदक जीते । केतु की दशा में 5 अगस्त 2012 में मैरी कॉम ने बच्चे को जन्म दिया और बॉक्सिंग की तरफ आगे बढ़ी। सन् 2001 से लेकर 2014 तक मिलती रही शानदार जीत ने मैरी कॉम को भारतीय पहली बॉक्सिंग चैम्पियन बना दिया।