ओम प्रकाश जिंदलका राशिफल :-
यह सबसे पहली औद्योगिक ईकाई थी, जिसे ओम प्रकाश और उनके भाइयों ने 1952 में स्थापित की और इसका नाम जिंदल (इंडिया) लिमिटेड रखा गया। ओम प्रकाश जिंदल का जन्म 07 अगस्त 1930 में शुक्र की महादशा में हिसार हरियाणा में हुआ था। शुक्र की महादशा इनकी जन्म कुंडली के अनुसार 2 साल तक रही । ओम प्रकाश जिंदल देश के बड़े उद्धोग पति है । 17 मई 1932 में इनकी जन्म कुंडली के आधार पर सूर्य की महादशा में इनकी पढ़ाई लिखाई की शुरुआत की जो हिसार हरयाणा से ही हुई । सूर्य बारहवें भाव में बैठकर इनको सूर्य की तरह तप कर उभरने का साहस देता है । 17 मई 1938 में चन्द्र की महादशा का आगमन हुआ चन्द्र जो इनके काम काज के स्थान पर स्थित है। इनकी पढ़ाई लिखाई ज्यादा अच्छे से न होकर छोटी उम्र से ही काम काज में आगे बढ़ने के योग बने । 17 मई 1948 में मंगल की महादशा में अपने व्यवसाय की शुरुआत की मंगल दसवें भाव में बैठकर इनको अपने मेहनत का अच्छा फल मिला और इनकी जन्म कुंडली में शनि से संबन्धित व्यवसाय में अपना रुझान बनाया और वहा से काफी अच्छा फल मिला । 17 मई 1955 में राहू की महादशा के अंतर्गत इन्होने अपनी कड़ी मेहनत के बाद एक नया मुकाम हासिल करने के योग बने । इनका विवाह 1970 में सावित्री जी से हुआ इनके चार पुत्र है, जिनके पुत्रों का नाम पृथ्वी राज जिंदल, सज्जन जिंदल ,रत्न जिंदल और नवीन जिंदल है ।
17 मई 1973 गुरु की महादशा के अंतर्गत ओम प्रकाश जिंदल को गुरु की महादशा के अंतर्गत तरक्की मिली । इन्होने कई प्रकार की संस्था और लड़कियों के लिए स्कूल खोलने भी खोले है। इनका गुरु की महादशा के अंतर्गत राजनीति की तरफ रुझान हुआ और इनकी जन्म कुंडली में गुरु ग्यारहवें भाव में स्थित है जहा से लाभ का स्थान माना गया है जिसके कारण इनको स्कूल और संस्थाओ से लाभ मिला और मान सम्मान दिलाया । 17 मई 1989 शनि की महादशा लगी शनि इनकी जन्म कुंडली में पंचम भाव में स्थित है इस दशा के अंतर्गत सन् 1991 में राजनीति में एक विधायक के रूप में उभर कर आए । 1996 में यह योग इनकी जन्म कुंडली में दोबारा से बने और हिसार से दोबारा विधायक बनने के साथ ही ओम प्रकाश जिंदल ने प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 2005 में पुनः हिसार से विधायक के लिए खड़े हुए और जीत हासिल हुई। इसके बाद इनको राजनीति और जनसेवा करते हुए वे 2005 में शनि की महादशाके अंतर्गत लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे और इस संसार से विदा ले ली ।