राहुल गांधीका राशिफल :-
17 अप्रैल 1980 से 16 अप्रैल 1987- इस समय के अंतराल इनकी जन्म कुंडली मे केतू की महादशा के अंतर्गत राहुल गांधी की पढ़ाई के लिए घर से बाहर रहने के योग बने लेकिन केतू इनकी जन्म कुंडली मै 8वें भाव मै बैठे होने के कारण इनके शारीरिक समस्याए और अचानक से दुर्घटना के योग रहे । 17 अप्रैल 1987 से 16 अप्रैल 2007- तक इनके जन्म कुंडली मै शुक्र की महादशा रही इस दशा के अंतर्गत शुक्र इनके जन्म कुंडली मै 7वें भाव मै बैठे है इस दशा मै राहुल गांधी की अच्छी पढ़ाई के योग बने। शुक्र की महादशा राहुल गांधी के जीवन मै उत्तम साबित हुई । इनके बाहर काम करने के योग भी बने। शुक्र की महादशा मै 1995 मै इनकी पढ़ाई पूरी हुई लेकिन चन्द्र 11वें भाव मै बैठे होने के कारण इनको अपनी पढ़ाई लिखाई से संबन्धित कुछ फल नहीं मिले । शुक्र की महादशा मै सूर्य के 6ठें भाव मै बेठे होने के कारण पिता की तरफ से मिलने वाले सुखो मे कमी रही और राहुल गांधी के पिता पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की किसी दुर्घटना के चलते मृत्यु हो गयी। इसके बाद राहुल गांधी ने 2002 के अंत में इन्होंने मुंबई में स्थित अभियांत्रिकी और प्रोध्योगिकी से संबंधित एक कम्पनी 'आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक-मंडल के सदस्य बन गये। शुक्र की महादशा के अंतर्गत राजनीति से जुडने के योग बने और राहुल गांधी ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत साल 2003 मे की इस दौरान अपने बोली के कारण ये कई बार विवादो मै भी रहे इनहोने 2003 से 2007 तक कई बार इन्होंने राजनीति मै कई बार इन्होंने कदम बढ़ाया लेकिन इनको हमेशा ही सफलताए मिलने मै निराशाओ का सामना करना पड़ा । 17 अप्रैल 2007 से 16 अप्रैल 2013- तक इनके जीवन मै जन्म कुंडली के आधार पर सूर्य की महादशा रही यह दशा सूर्य इनकी जनम कुंडली मे 6ठें भाव मै स्थित है जहा से इनको अपने कैरियर को लेकर कोई खास संतुष्टि नहीं रही सूर्य यानि पिता के सुखो मे तो कमी करता ही है साथ ही मान सम्मान मै भी कमी करता है सूर्य की दशा भी इनके जीवन मै कुछ सफल साबित नहीं रही । 17 अप्रैल 2013 से 16 अप्रैल 2023- मे चंद्रमा की महादशा चल रही है लेकिन यह समय राजनीति के मामले मे शुभ साबित नहीं होगा क्यूंकि शनि के घर मे चंद्रमा होने के कारण यहा चंद्रमा खराब फल ही देगा ! और डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है ! लेकिन आने वाले समय मे उनकी शादी वाले योग बनेगा ! यह समय मांगलिक कार्य के लिए काफी अच्छा है ! शुभ रत्न – नीलम