रतन टाटा का राशिफल :-
1937-1952 के समय में इनकी कुंडली में गुरु का समय चला और गुरु इनकी कुंडली में दूसरे भाव में बैठे हैं और अशुभ होकर बैठे हैं जिस कारण इन्हें बचपन में सेहत से सम्बंधित दिक्कतें रही होंगी और इनके दादा जी कि सेहत भी कुछ खास अच्छी नहीं होगी। दूसरे घर में बैठे हुये गुरु ज्ञान तो देते हैं एक दिक्कत भी देते हैं जिस कारण इनके पिता के साथ इनके विचारों का तालमेल नहीं बैठ पाता होगा। शुक्र दूसरे घर में बैठे हुये गुरु यह योग भी बनाते हैं की जब तक इनकी शादी नहीं होगी तब तक यह कामयाब नहीं होंगे। ऐसा इंसान अगर खुद के पैसे लगाकर कोई भी काम शुरू करे तो उसमे भी कामयाब नहीं हो पाता। दूसरे घर में बैठे हुये गुरु का संबंध राहू और केतू के साथ भी हो रहा है गुरु और राहू एक दूसरे को देख रहे हैं जिस कारण इन्हें सर्दी, जुकाम जैसी दिक्कतें हो सकती है और इनके लिए जरूरी हैं कि जब भी यह कोई काम शुरू करें तो अपना नाक साफ रखें।
इनकी कुंडली में केतू की स्थिति भी अच्छी नहीं है जिस कारण बचपन में इनके पैरों में चोट लगना या पैरों में दर्द रहना ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा होगा और इसे इनके स्वभाव के ऊपर भी काफी फर्क पड़ता है जैसे स्वभाव के अंदर जिद्दीपन आना और अपने बात मनवाने की आदत होना। इनकी कुंडली में सूर्य शुक्र की युति होने के कारण इनको अपने चाल-चलन का खास ध्यान रखना चाहिए। लग्न के अंदर बन रहे सूर्य बुध के योग के कारण इनके अच्छी जॉब का कारण माने जाते हैं और रत्न जी के कैरियर कि शुरुआत भी जॉब से ही हुयी थी हालाकि सूर्य बुध के साथ शुक्र भी बैठे हैं तो इनको थोड़ी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा होगा और जॉब मिलने के बाद जब भी शुक्र का समय आता होगा तब इन्हें जरूर दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा।