किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो और कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
दिन का चौघड़िया |
रात का चौघड़िया |
07:04 - 08:27 उद्वेग |
18:09 - 19:45 शुभ |
08:27 - 09:50 चर |
19:45 - 21:22 अमृत |
09:50 - 11:13 लाभ |
21:22 - 22:59 चर |
11:13 - 12:36 अमृतवार वेला |
22:59 -24:36+ रोग |
12:36 - 13:59 कालकाल वेला |
24:36+-26:13+ काल |
13:59 - 15:22 शुभ |
26:13+-27:49+ लाभकाल रात्रि |
15:22 - 16:45 रोग |
27:49+-29:26+ उद्वेग |
16:45 - 18:09 उद्वेग |
29:26+-31:03+ शुभ |
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