किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो और कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
दिन का चौघड़िया |
रात का चौघड़िया |
06:33 - 08:02रोग |
18:28 - 19:58काल |
08:02 - 09:32उद्वेग वारवेला |
19:58 - 21:29लाभ कालरात्रि |
09:32 - 11:01चर |
21:29 - 22:59उद्वेग |
11:01 - 12:30लाभ |
22:59 - 24:30+शुभ |
12:30 - 14:00अमृत |
24:30+ - 26:00+अमृत |
14:00 - 15:29काल कालवेला |
26:00+ - 27:31+चर |
15:29 - 16:58शुभ |
27:31+ - 29:01+रोग |
16:58 - 18:28 रोग |
29:01+ - 30:32+काल |
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