किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो और कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
06:59 - 08:23 शुभ |
18:11 - 19:47 अमृत |
08:23 - 09:47 रोग |
19:47 - 21:23 चर |
09:47 - 11:11 उद्वेग |
21:23 - 22:59 रोग |
11:11 - 12:35 चर |
22:59 -24:34+ काल |
12:35 - 13:59 लाभ |
24:34+-26:10+ लाभकाल रात्रि |
13:59 - 15:23 अमृत |
26:10+-27:46+ उद्वेग |
15:23 - 16:47 कालकाल वेला |
27:46+-29:22+ शुभ |
16:47 - 18:11 शुभवार वेला |
29:22+-30:58+ अमृत |
Comments