gaj kesari yoga

गज केसरी योग क्या है? फायदे, महत्व और पूरी जानकारी

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योगों का विशेष महत्व है। कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति से योगों का निर्माण होता है, ये योग शुभ भी हो सकते हैं और अशुभ भी। इन्हीं में से एक अत्यंत शुभ योग है गज केसरी योग यह योग जातक को समाज में प्रतिष्ठा, सफलता, ज्ञान और धन देता है। यदि किसी की कुंडली में यह योग सशक्त रूप से बना हो, तो उसका जीवन उच्च स्तर पर जा सकता है। आइए जानते हैं कि गज केसरी योग क्या है, यह कैसे बनता है, इसके फायदे और जीवन में इसका क्या महत्व है।

 

गज केसरी योग क्या होता है? 

 

गज केसरी योग, ज्योतिष के सबसे शुभ योगों में से एक है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा और बृहस्पति (गुरु) ग्रह एक-दूसरे के साथ किसी केंद्र स्थान (1, 4, 7 या 10वें भाव) में स्थित हों। इसमें मुख्य रूप से यह देखा जाता है कि चंद्रमा से चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में गुरु स्थित हो या फिर गुरु से चतुर्थ, सप्तम या दशम में चंद्रमा हो।

 

'गज' का अर्थ होता है हाथी और 'केसरी' का मतलब होता है शेर  ये दोनों ही जानवर शक्ति, सम्मान और नेतृत्व का प्रतीक माने जाते हैं। इसी प्रकार इस योग से जातक के जीवन में प्रतिष्ठा, ज्ञान, सम्मान और विलासिता आती है।

 

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गज केसरी योग बनने की शर्तें

 

यह योग तभी फलदायी होता है जब कुछ विशेष स्थितियाँ पूरी हों:

 

चंद्रमा और बृहस्पति में से कोई एक केंद्रीय भाव (1, 4, 7, 10) में हो।

 

दोनों ग्रहों की दृष्टि या युति होनी चाहिए, लेकिन यह अशुभ ग्रहों जैसे राहु, केतु, शनि या मंगल से पीड़ित नहीं होना चाहिए।

 

चंद्रमा पूर्ण या शुभ स्थिति में हो, जैसे उच्च राशि (वृषभ) में हो या मित्र राशि में।

 

गुरु भी अपनी उच्च राशि (कर्क) या स्वराशि (धनु, मीन) में हो तो योग अत्यंत बलशाली होता है।

 

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गज केसरी योग के फायदे

 

गज केसरी योग के अनेक लाभ हो सकते हैं, जो जातक के जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई देते हैं:

 

1. शिक्षा और बुद्धिमत्ता में वृद्धि: इस योग से युक्त व्यक्ति अत्यंत बुद्धिमान होता है। उसकी स्मरण शक्ति तीव्र होती है और वह विद्वानों की श्रेणी में आता है। यह योग विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है।

 

2. आर्थिक समृद्धि: गज केसरी योग व्यक्ति को धन, भूमि, वाहन और घर का सुख देता है। जातक के पास समय के साथ भौतिक सुख-सुविधाएं स्वतः आने लगती हैं।

 

3. समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान: इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में उच्च पद, सम्मान और ख्याति मिलती है। वह नेतृत्वकारी भूमिका निभाता है और लोग उसकी बातों का आदर करते हैं।

 

4. करियर में सफलता: गज केसरी योग राजनीति, शिक्षा, प्रशासन, बैंकिंग, न्यायिक सेवा, धार्मिक कार्य और परामर्श जैसे क्षेत्रों में बड़ी सफलता देता है।

 

5. वैवाहिक और पारिवारिक सुख: गज केसरी योग से जातक का वैवाहिक जीवन सुखद रहता है। जीवनसाथी भी समझदार और सुसंस्कृत होता है। परिवार में संतुलन बना रहता है।

 

6. आध्यात्मिक उन्नति: गज केसरी योग जातक को धार्मिक, आध्यात्मिक और नैतिक पथ पर अग्रसर करता है। ऐसे व्यक्ति में दूसरों की सहायता करने का भाव भी होता है।

 

गज केसरी योग के प्रभाव वाले प्रसिद्ध व्यक्ति

 

इतिहास और वर्तमान में कई ऐसे व्यक्तियों की कुंडलियों में गज केसरी योग देखने को मिलता है, जिन्होंने अपने जीवन में बड़ी ऊँचाइयाँ हासिल कीं। जैसे:

 

1. महात्मा गांधी: उनके चारित्रिक गुण, नेतृत्व क्षमता और जनमानस पर प्रभाव इसी योग का उदाहरण हो सकता है।

 

2. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: ज्ञान, सरलता और विज्ञान के प्रति समर्पण, इन सभी के पीछे मजबूत गज केसरी योग होने की संभावना बताई जाती है।

 

गज केसरी योग के प्रभाव को बढ़ाने के उपाय

 

यदि आपकी कुंडली में यह योग बना है लेकिन ग्रह पीड़ित हैं या कमजोर हैं, तो कुछ उपाय करके इसके प्रभाव को और बलवान किया जा सकता है:

 

1. गुरु और चंद्रमा की शांति के उपाय करें

 

गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें, चने की दाल और गुड़ का दान करें। सोमवार को शिवजी का रुद्राभिषेक करें, दूध जल अर्पित करें।

 

2. मंत्र जाप करें

 

● गुरु मंत्र: बृं बृहस्पतये नमः - 108 बार प्रतिदिन।

 

● चंद्रमा मंत्र: सोमाय नमः -108 बार सोमवार को।

 

3. पवित्र स्थानों की यात्रा

 

धार्मिक स्थलों की यात्रा करने से भी गज केसरी योग के प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है, विशेषकर काशी, प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन जैसे स्थलों में जहां पवित्र नदियों का जल प्रवाहित होता है।

 

4. स्वच्छ और सात्विक जीवनशैली अपनाएं

 

बृहस्पति और चंद्रमा शुद्धता, सत्यता और भक्ति से प्रभावित होते हैं। इसलिए अहिंसा, संयम और भक्ति को जीवन में अपनाएं।

 

गंगागज केसरी योग कब कमजोर हो जाता है?

 

यह योग तभी कमजोर हो सकता है जब:

 

1. चंद्रमा और गुरु राहु-केतु या शनि से पीड़ित हो जाएं।

 

2. दोनों ग्रह वक्री (retrograde) या नीच राशि में हों।

 

3. अशुभ भावों (जैसे 6, 8, 12) में स्थित हों।

 

4. अमावस्या पर जन्म लेने से चंद्र का अशक्त होना।

 

5. चंद्र और गुरु का शत्रु ग्रह से दृष्ट या युति होना।

 

गज केसरी योग और अन्य योगों का सामंजस्य

 

कई बार गज केसरी योग के साथ-साथ अन्य शुभ योग भी कुंडली में होते हैं, जैसे बुधादित्य योग, लक्ष्मी योग, राज योग आदि। तब जातक का जीवन अत्यंत प्रभावशाली, समृद्ध और प्रसिद्ध होता है। लेकिन यदि अशुभ योग जैसे कालसर्प, पित्र दोष, ग्रहण योग आदि साथ में हों तो गज केसरी योग का फल सीमित हो सकता है।

 

निष्कर्ष

 

गज केसरी योग ज्योतिष का अत्यंत प्रभावशाली और शुभ योग है। यह व्यक्ति को ज्ञान, प्रतिष्ठा, धन, सुख और सफलता प्रदान करता है। लेकिन इसका पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब यह योग अशुभ ग्रहों से मुक्त हो और ग्रह अपनी शुभ स्थिति में हों। यदि आपकी कुंडली में गज केसरी योग बना है, तो यह आपके लिए वरदान साबित हो सकता है, बशर्ते आप इसके अनुरूप आचरण करें और कुछ आवश्यक उपाय भी अपनाएं। ज्योतिषीय सलाह लेकर आप अपने जीवन में इस योग की शक्ति को समझ सकते हैं और उसका अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

FAQs:

 

Q1: क्या गज केसरी योग सभी की कुंडली में होता है?

 

नहीं, यह योग विशेष ग्रह स्थिति से ही बनता है। यह सभी की कुंडली में नहीं होता, और यदि हो भी, तो वह हर किसी के लिए बलवान नहीं होता।

 

Q2: क्या गज केसरी योग से नौकरी या व्यापार में लाभ होता है?

 

जी हां, यह योग नौकरी, सरकारी सेवा, शिक्षा, धर्म, न्याय और प्रशासनिक क्षेत्र में विशेष सफलता दिला सकता है।

 

Q3: यदि गज केसरी योग कमजोर हो तो क्या करें?

 

गुरु और चंद्रमा की शांति के लिए मंत्र जाप करें, दान-पुण्य करें और जीवन में सात्विकता लाएं। साथ ही कुंडली की गहन जांच किसी विद्वान ज्योतिषी से कराएं।

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