अक्षय तृतीया हिंदुओं का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित त्योहार है, जो वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह दिन अनंत समृद्धि, सफलता और सौभाग्य का प्रतीक है। वर्ष 2025 में, यह शुभ दिन बुधवार, 30 अप्रैल को पड़ रहा है।
अक्षय तृतीया 2025 मुख्य तिथि और समय कब है
1. पूजा मुहूर्त: सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
2. अवधि: 6 घंटे 37 मिनट
3. तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025, शाम 05:31 बजे
4. तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025, दोपहर 02:12 बजे
अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना अत्युत्तम शुभ माना जाता है। इसलिए यह दिन नई शुरुआत, सोने में निवेश, दान और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के महत्व, रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में।
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अक्षय तृतीया का अर्थ
अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू और जैन धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार है। "अक्षय" शब्द का अर्थ है "कभी न घटने वाला", जो इस बात का प्रतीक है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य, निवेश या खरीदारी से अनंत लाभ प्राप्त होते हैं।
अक्षय तृतीया कथा
1. भगवान परशुराम का जन्म: मान्यता है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म इसी दिन हुआ था।
2. महाभारत संबंध: अक्षय तृतीया के दिन ही पांडवों को भगवान कृष्ण से अक्षय पात्र (एक दिव्य पात्र जो अनंत भोजन प्रदान करता था) प्राप्त हुआ था।
3. त्रेतायुग का प्रारंभ: हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस दिन त्रेतायुग का आरंभ हुआ था।
4. लक्ष्मी जी की कृपा: भक्त इस दिन धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर (देवताओं के कोषाध्यक्ष) की पूजा करते हैं।
अक्षय तृतीया में क्या है खास?
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अक्षय तृतीया सबसे अच्छा दिन होता है। इस दिन को किसी भी अशुभ ग्रहीय प्रभाव से मुक्त माना जाता है, जिस कारण यह हिंदू पंचांग के सबसे पवित्र दिनों में से एक है। अन्य त्योहारों के विपरीत, इस दिन किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि पूरा दिन ही शुभ माना जाता है।
मुख्य मान्यताएँ:
1. अशुभ प्रभाव रहित: इस दिन किसी भी समय नए कार्य शुरू किए जा सकते हैं।
2. अनंत लाभ: इस दिन किया गया दान, पूजा या निवेश कभी समाप्त न होने वाले फल देता है।
3. सोने की खरीदारी: अक्षय तृतीया पर सोना या संपत्ति खरीदना धन वृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया के रीति-रिवाज और उत्सव
लोग इस दिन अपने घर की धन-समृद्धि बढ़ाने के लिए कई उपाय करते हैं, जो धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रिय हैं। आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया पर किन कामों को करना चाहिए:
1. पूजा एवं आराधना
● लक्ष्मी-कुबेर पूजा: देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
● विष्णु पूजा: भगवान विष्णु की आराधना से समृद्धि और सुरक्षा मिलती है।
● हवन एवं यज्ञ: दिव्य आशीर्वाद प्राप्ति के लिए पवित्र अग्नि कर्म किए जाते हैं।
2. दान एवं पुण्य
● भोजन, वस्त्र एवं जल दान: इस दिन जरूरतमंदों को जौ, सत्तू, जल, घड़ा, मिष्ठान, अन्न, स्वर्ण, छाता, जूता, फल आदि का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
● वस्त्र दान: ब्राह्मणों एवं गरीबों को वस्त्रादि का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
● तुलसी का पौधा एवं छत्र दान: इन कार्यों से दीर्घायु और सुरक्षा प्राप्त होती है।
3. अक्षय तृतीया पर क्या खरीदें?
● सोना/चाँदी खरीदना: यह स्थायी धन और वित्तीय सुरक्षा का प्रतीक है।
● संपत्ति एवं व्यापार निवेश: इस दिन नया व्यवसाय शुरू करना या जमीन खरीदना शुभ माना जाता है।
4. व्रत
कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। यदि व्रत रखना संभव न हो तो केवल सात्विक भोजन (प्याज-लहसुन रहित शाकाहारी भोजन) ग्रहण कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया 2025 का ज्योतिषीय महत्व
वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को पड़ रही है, जो बुध ग्रह (बुद्धि, धन और व्यापार से जुड़ा ग्रह) के प्रभाव में है।
ग्रहीय स्थिति:
साल 2025 में अक्षय तृतीया बहुत ही खास होने वाली है। इस दिन ग्रहों की स्थिति से कुछ विशेष राजयोग बन रहे हैं। जैसे गुरु और चंद्रमा इस दिन वृषभ राशि में गजकेसरी योग का निर्माण करेंगे तो वहीं शुक्र और बुध की युति से मीन राशि में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा।
● सूर्य मेष राशि में एवं चंद्रमा वृषभ राशि में: वित्तीय स्थिरता को बढ़ाता है।
● बुध और शुक्र मीन राशि में: संचार और व्यापार वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
● गुरु और चंद्र वृषभ का प्रभाव: धन-धन्य, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास लाता है।
यह संयोजन अक्षय तृतीया 2025 को निम्नलिखित के लिए उत्तम दिन बनाता है:
1. नए उद्यम शुरू करना
2. दीर्घकालिक निवेश करना
3. आध्यात्मिक प्रथाएँ करना
भारत भर में क्षेत्रीय उत्सव
अक्षय तृतीया भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है।
1. उत्तर भारत
● जैन उत्सव: जैन समुदाय भगवान ऋषभदेव के एक वर्ष के उपवास के बाद प्रथम भोजन की स्मृति में मनाता है।
● गंगा स्नान: भक्त पवित्र गंगा में स्नान करते हैं।
2. दक्षिण भारत
● तमिलनाडु एवं केरल: लोग सोना खरीदते हैं और लक्ष्मी-कुबेर पूजा करते हैं।
● आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक: किसान इस दिन बीज बोकर कृषि कार्य प्रारंभ करते हैं।
3. पश्चिम एवं पूर्वी भारत
● महाराष्ट्र: नवविवाहित जोड़े उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और लोग बर्तन खरीदते हैं।
● ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल: इस दिन रथ यात्रा के लिए रथों के निर्माण का कार्य शुरू होता है।
अक्षय तृतीया का आधुनिक महत्व
परंपरा से जुड़े होने के बावजूद, अक्षय तृतीया ने आधुनिक प्रथाओं को भी अपनाया है:
● सोने की बिक्री में वृद्धि: ज्वैलर्स छूट देते हैं, जिससे यह सोना खरीदने के सबसे बड़े दिनों में से एक बन जाता है।
● शेयर बाजार निवेश: कई निवेशक दीर्घकालिक लाभ के लिए स्टॉक या म्यूचुअल फंड खरीदते हैं।
● ऑनलाइन दान: डिजिटल प्लेटफॉर्म दान और आध्यात्मिक योगदान को सुगम बनाते हैं।
निष्कर्ष: अक्षय तृतीया 2025 के आशीर्वाद को अपनाएं
अक्षय तृतीया केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि समृद्धि, सफलता और दैवीय कृपा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर है। चाहे पूजा, दान, व्रत या निवेश के माध्यम से हो, यह दिन विकास के अनंत अवसर प्रदान करता है। 30 अप्रैल 2025 (बुधवार) को अपने कैलेंडर में चिह्नित करें और इस स्वर्णिम अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं!
अंतिम विचार:
अक्षय तृतीया पर, हर अच्छा कर्म अनंत गुना बढ़ जाता है। यह दिन आपके लिए असीम खुशी, धन और आध्यात्मिक विकास लेकर आए!
अक्षय तृतीया से जुड़े सवाल जवाब (FAQs)
1. अक्षय तृतीया पर किस देवी की पूजा करनी चाहिए?
अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहिए जिससे आपके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहे।
2. साल 2025 में अक्षय तृतीया कब मनाई जाएगी?
साल 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
3. अक्षय तृतीया के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
अक्षय तृतीया के दिन नुकीली और धारदार चीजों जैसे चाकू, छुरी, कैंची और कुल्हाड़ी की खरीदारी न करें। कहा जाता है कि ऐसी चीजों को खरीदने से घर में मतभेद हो सकते हैं।
4. इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
अक्षय तृतीया पर घी, चावल, सोना, जल और वस्त्रों का दान करें।
5. अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना शुभ होता है?
इस दिन स्वर्ण, बर्तन या कौड़ियाँ खरीदना शुभ माना जाता है।