नवरात्रि एवं दीवाली के मध्य का समय सर्वाधिक श्रेष्ठ और अनुष्ठानों के लिए पवित्र माना जाता है, इस समय सम्पूर्ण ब्रह्मांड में शक्ति की तरंगें प्रबल हो जाती हैं। इसी विशेष समय में Gurudev G. D. Vashist Jyotish Sansthan द्वारा आयोजित किया जाता है एक अद्भुत और अलौकिक यज्ञ - अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ। यह केवल एक साधारण अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐसा महायज्ञ है जिसमें दिव्य यंत्रों को सजीव किया जाता है, उनमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, जिससे साधकों के जीवन में सुख, समृद्धि और सिद्धि का संचार होता है।
अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ कब और कैसे होता है?
इस वर्ष यह महायज्ञ 19 अक्टूबर 2025 को आयोजित किया जा रहा है। जैसा कि सर्वविदित है, नवरात्रि से लेकर छोटी दीपावली तक का समय माँ शक्ति की उपासना के लिए सर्वाधिक शुभ और ऊर्जावान माना जाता है, इस पावन काल खंड मे विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए यंत्रों की सिद्धि की जाती है।
इसी अवधि में सम्पूर्ण सृष्टि की ऊर्जा, देवी स्वरूपों की शक्तियाँ, और ब्रह्मांडीय तरंगें अत्यधिक सक्रिय होती हैं। इसीलिए गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी के मार्गदर्शन में यंत्रों की अभिमंत्रणा और प्राण प्रतिष्ठा इसी समय की जाती है, ताकि उन यंत्रों में देवी लक्ष्मी और शक्ति की दिव्य ऊर्जा सजीव रूप से स्थापित हो सके।
इस यज्ञ की प्रक्रिया - यंत्रों में प्राण प्रतिष्ठा का रहस्य
“अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ” का आरंभ नवरात्र के प्रारंभ में होता है। पहले चरण में विशेष पूजा और शुद्धिकरण कर्म किए जाते हैं, जहाँ यंत्रों को पवित्र जल, धूप, दीप, पुष्प और मंत्रों से स्नान कराया जाता है। इसके बाद इन यंत्रों को यज्ञ कुंड के पास स्थापित कर, विशेष मंत्रों द्वारा उनमें दिव्यता प्रवाहित की जाती है।
हर यंत्र को उसके संबंधित देवता के मंत्र से अभिमंत्रित किया जाता है। उदाहरण के लिए, महालक्ष्मी यंत्र को श्रीसूक्त और लक्ष्मी बीज मंत्रों से, बगलामुखी यंत्र को बगलामुखी महामंत्र से, और रोग निवारण यंत्र को आयुर्वेदिक व स्वास्थ्यवर्धक मंत्रों से शक्ति प्रदान की जाती है।
इस पूरी प्रक्रिया में गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी के दिशा-निर्देश और ऊर्जा का प्रभाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। वे स्वयं यज्ञ में उपस्थित होकर अपने सान्निध्य से यंत्रों को सक्रिय करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब गुरुदेव जी किसी यंत्र पर अपना आशीर्वाद देते हैं, तो वह यंत्र केवल धातु का टुकड़ा नहीं रहता - वह एक जीवंत शक्ति-स्रोत बन जाता है।
कौन-कौन से यंत्र इस यज्ञ में अभिमंत्रित किए जाते हैं?
इस महान यज्ञ में अनेक दिव्य यंत्रों की अभिमंत्रणा की जाती है। ये सभी यंत्र जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्रदान करते हैं।
1. महालक्ष्मी यंत्र:
यह यंत्र धन, वैभव, ऐश्वर्य और समृद्धि का प्रतीक है। लक्ष्मी जी की कृपा से यह यंत्र घर और व्यवसाय में स्थायी समृद्धि लाता है आगे जानें...
2. श्री बगलामुखी चौकी और श्री बगलामुखी यंत्र:
माँ बगलामुखी की यह चौकी शत्रु-विनाशक और सुरक्षा प्रदान करने वाला यंत्र है। यह नकारात्मक शक्तियों, ईर्ष्या या बाधाओं से रक्षा करता है आगे जानें...
3. नजर दोष यंत्र:
नजर दोष यंत्र बुरी दृष्टि, डाह-ईर्ष्या और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है। इसे घर या व्यवसाय स्थल पर स्थापित करने से वातावरण में सकारात्मकता आती है आगे जानें...
4. शक्तिशाली अष्ट सिद्धि यंत्र:
यह यंत्र आठों सिद्धियाँ प्रदान करने वाला है। साधक को अदम्य आत्मविश्वास, ज्ञान और सफलता प्राप्त होती है आगे जानें...
5. रोग निवारण यंत्र:
यह यंत्र स्वास्थ्य की रक्षा करता है और रोगों को दूर रखने में सहायक है। इसके प्रभाव से शरीर और मन दोनों में संतुलन बना रहता है आगे जानें...
6. शाकनी यंत्र:
यह यंत्र आंतरिक शक्ति और आत्म-साहस को बढ़ाने वाला है। ध्यान और साधना करने वाले व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है आगे जानें...
7. व्यापार यंत्र:
व्यवसायियों के लिए यह यंत्र अत्यंत लाभकारी है। यह व्यापार वृद्धि, नए अवसर और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है। लॉकेट रूप में इसे अपने साथ धारण किया जा सकता है आगे जानें...
8. श्री शोडशी यंत्र:
त्रिपुरा सुंदरी देवी का यह यंत्र जीवन में सौंदर्य, सफलता और शुभता लाता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और संतुलन स्थापित करता है आगे जानें...
9. शक्ति पीठ यंत्र, मध्य शक्ति पीठ यंत्र और सर्व शक्ति पीठ यंत्र:
ये यंत्र सम्पूर्ण शक्ति पीठों की ऊर्जा से जुड़े हैं। इनसे घर-परिवार में सुरक्षा, स्थिरता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है आगे जानें...
10. सर्व मनोकामना पूर्ण यंत्र:
यह यंत्र भक्त की सभी सच्ची इच्छाओं को पूर्ण करने की शक्ति रखता है। इसे जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए स्थापित किया जा सकता है।
अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु क्यों जुड़ते हैं?
हर वर्ष जब यह यज्ञ आयोजित होता है, तो देश-विदेश से हजारों भक्त इसमें भाग लेने आते हैं। हर कोई अपने जीवन की किसी न किसी इच्छा को लेकर इस यज्ञ में सम्मिलित होता है - कोई धन की कामना से, कोई स्वास्थ्य की आकांक्षा से, कोई शांति और सफलता की तलाश में।
इन सभी भक्तों को यहाँ एक ही अनुभव होता है - सकारात्मक ऊर्जा का अद्भुत प्रवाह। यज्ञ के समापन पर प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने यंत्रों को अभिमंत्रित अवस्था में प्राप्त करते है और उन्हें अपने घर ले जाते है।
कहते हैं, जो भी इस यज्ञ में सम्मिलित हुआ, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा।
प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी रूप में लाभ और संतोष की प्राप्ति अवश्य हुई है - किसी को रोजगार मिला, किसी का रोग दूर हुआ, किसी के घर में समृद्धि आई, और किसी के जीवन में प्रेम व शांति स्थापित हुई। यह श्रद्धा और विश्वास ही इस यज्ञ की सबसे बड़ी शक्ति है।
इस माह (अक्टूबर) में ही यह यज्ञ क्यों किया जा रहा है?
यह प्रश्न अक्सर भक्तों के मन में आता है कि यही महीना क्यों चुना जाता है? दरअसल, नवरात्रि और दीपावली के बीच का काल अत्यंत ऊर्जावान और दिव्य होता है। यह वही समय है जब माँ लक्ष्मी, माँ दुर्गा और माँ काली - तीनों शक्तियों का ब्रह्मांडीय संतुलन सबसे अधिक प्रकट होता है। इस काल में की गई साधना, मंत्रोच्चारण और यंत्र-अभिमंत्रणा का फल कई गुना बढ़ जाता है। वेदों और पुराणों में भी उल्लेख मिलता है कि आश्विन मास की यह अवधि साधना-सिद्धि के लिए श्रेष्ठतम होती है।
इसीलिए गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी इस महायज्ञ का आयोजन इसी महीने करते हैं, ताकि भक्तों को अधिकतम दिव्य लाभ प्राप्त हो सके।
गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी की उपस्थिति - यज्ञ की आत्मा
Gurudev G.D. Vashist Ji इस यज्ञ की आत्मा हैं। उनके सान्निध्य में यह पूरा अनुष्ठान दिव्यता को प्राप्त करता है। गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी स्वयं इस यज्ञ में उपस्थित रहते हैं और हर यंत्र को अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वाद से सुसंस्कारित करते हैं। उनकी उपस्थिति मात्र से ही वातावरण में एक अलौकिक स्पंदन महसूस होता है। गुरुदेव जी का यह अनुष्ठान कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि पिछले 25 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इन वर्षों में असंख्य लोगों ने इस यज्ञ में भाग लिया और अपने जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखे हैं।
गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी ने सदैव कहा है - “जिसने श्रद्धा से साधना की, उसे कभी निराशा नहीं मिली।”
उनका उद्देश्य केवल यंत्रों की बिक्री या प्रदर्शन नहीं, बल्कि प्रत्येक साधक को अपनी आंतरिक शक्ति और दिव्यता से जोड़ना है। इसीलिए यह यज्ञ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक विकास का उत्सव बन जाता है।
अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ का महत्व - क्यों है यह जीवन परिवर्तनकारी
1. अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति:
यह यज्ञ व्यक्ति को उन आठ दिव्य सिद्धियों का अनुभव कराता है, जिनसे मनुष्य अपने जीवन की सीमाओं को पार कर सकता है।
2. माँ लक्ष्मी की कृपा:
माँ लक्ष्मी की विशेष उपासना से घर में धन, सुख और वैभव का संचार होता है।
3. नकारात्मकता का नाश:
नज़र दोष, बाधा, रोग, या दुश्मनों से सुरक्षा - इन सबका समाधान इन यंत्रों की ऊर्जा से संभव होता है।
4. आध्यात्मिक उन्नति:
यज्ञ और मंत्र-साधना व्यक्ति के भीतर की सुप्त ऊर्जा को जागृत करते हैं।
5. गुरु-कृपा:
गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ जी का आशीर्वाद ही इस यज्ञ का वास्तविक फल है। जब वे किसी भक्त के यंत्र को अभिमंत्रित करते हैं, तो वह साधक जीवनभर उस यंत्र से लाभान्वित होता है।
निष्कर्ष - बस अब दुःख और नहीं!
“अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ” केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा, श्रद्धा और विज्ञान का संगम है। यह वह स्थान है जहाँ भक्त अपनी मनोकामनाओं को साकार होते देखता है। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु अपने-अपने यंत्र लेकर यहाँ आते हैं, और अभिमंत्रित यंत्रों के साथ घर लौटते हैं - एक नए विश्वास और नई ऊर्जा के साथ। कहते हैं, जो यहाँ आया, वह कभी खाली हाथ नहीं गया। क्योंकि यहाँ केवल यंत्र नहीं मिलते - यहाँ मिलती है गुरु-कृपा, देवी-आशीर्वाद और जीवन को बदल देने वाली शक्ति।
FAQs
प्रश्न 1: अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
अष्ट लक्ष्मी सर्व सिद्धि महायज्ञ एक विशेष आध्यात्मिक अनुष्ठान है, जो Gurudev G. D. Vashist Sansthan द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना, जीवन के सभी क्षेत्रों - जैसे धन, स्वास्थ्य, व्यवसाय और सुख-शांति में सिद्धि हासिल करना है। इस यज्ञ में यंत्रों की अभिमंत्रणा (प्राण प्रतिष्ठा) की जाती है ताकि वे साधक के जीवन में दिव्य ऊर्जा का संचार कर सकें।
प्रश्न 2: इस यज्ञ में कौन-कौन से यंत्र अभिमंत्रित किए जाते हैं?
इस महायज्ञ में कई शक्तिशाली यंत्रों की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, जिनमें महालक्ष्मी यंत्र, श्री बगलामुखी चौकी, नजर दोष यंत्र, रोग निवारण यंत्र, शक्तिशाली अष्ट सिद्धि यंत्र, व्यापार यंत्र (लॉकेट सहित), श्री शोडशी यंत्र, शक्ति पीठ यंत्र, सर्व मनोकामना पूर्ण यंत्र और अन्य देवी-शक्ति से जुड़े यंत्र शामिल हैं। प्रत्येक यंत्र का अपना विशेष महत्व और प्रभाव होता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में शुभ परिणाम देता है।
प्रश्न 3: इस यज्ञ में कैसे भाग लिया जा सकता है और इसका लाभ कैसे मिलता है?
इस यज्ञ में हर वर्ष देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इच्छुक भक्त Gurudev G. D. Vashist Sansthan से संपर्क कर सकते हैं और अपने नाम से यंत्र अभिमंत्रित करवा सकते हैं। यज्ञ के बाद ये यंत्र साधकों को प्रदान किए जाते हैं ताकि वे उन्हें अपने घर या व्यवसाय में स्थापित करें। यह माना जाता है कि जो भी इस यज्ञ में श्रद्धा से शामिल होता है, उसे देवी लक्ष्मी की कृपा, सुख-समृद्धि और जीवन में स्थायी सफलता प्राप्त होती है।