बगलामुखी जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं मां बगलामुखी को समर्पित है। वर्ष 2025 में बगलामुखी जयंती सोमवार, 5 मई को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
मां बगलामुखी, जिन्हें पीतांबरा देवी या ब्रह्मास्त्र रूपिणी भी कहा जाता है, को शत्रुओं को रोकने, नकारात्मक शक्तियों पर नियंत्रण पाने और मुकदमों व प्रतियोगिताओं में विजय दिलाने के लिए पूजा जाता है। उनके आशीर्वाद से शत्रुओं का स्तम्भन (रोकना), वशीकरण (आकर्षण) और बुरी शक्तियों से रक्षा संभव होती है।
इस पावन दिवस पर भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और बगलामुखी यंत्र जैसे शक्तिशाली साधनों का प्रयोग करते हैं ताकि देवी की कृपा प्राप्त हो सके।
मां बगलामुखी की कथा
प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मां बगलामुखी के प्राकट्य की कथा मिलती है। कथा के अनुसार:
सत्ययुग में एक भीषण तूफान पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने लगा। इस संकट को देखकर भगवान विष्णु ने गहरी तपस्या की। हजारों वर्षों की साधना के बाद, मां महात्रिपुरा प्रकट हुईं और तूफान को शांत किया।
इसके बाद देवी ने हरिद्रा सरोवर (पीले जल वाला सरोवर) में खेलते हुए ध्यान लगाया। उसी समय, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात एक तेजस्वी देवी प्रकट हुईं – ये ही मां बगलामुखी थीं, जो सभी नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित करने वाली थीं।
यद्यपि देवी का प्राकट्य चतुर्दशी को हुआ था, किंतु फिर भी उनकी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, जो उनके ब्रह्मांड को संतुलित करने के कार्य का प्रतीक है।
बगलामुखी जयंती का महत्व
बगलामुखी जयंती का खास महत्व है, विशेष रूप से:
1. शत्रु विजय के लिए – मां बगलामुखी शत्रुओं को रोककर अपने भक्तों को विजय दिलाती हैं।
2. कानूनी मामलों में सफलता के लिए – मुकदमों और विवादों में जीत के लिए उनकी पूजा की जाती है।
3. काले जादू से रक्षा के लिए – मां नकारात्मक शक्तियों और टोनाटोटके से रक्षा करती हैं।
4. वाणी पर नियंत्रण के लिए – वाद-विवाद और वार्ताओं में सफलता के लिए वाणी पर अधिकार देती हैं।
5. तांत्रिक सिद्धियों के लिए – साधक स्तम्भन, वशीकरण और मोहन (सम्मोहन) साधनाओं के लिए उनकी उपासना करते हैं।
बगलामुखी जयंती की पूजा विधि
मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त निम्नलिखित प्रकार से पूजा-अर्चना कर सकते हैं:
● प्रातः स्नान और तैयारी
सूर्योदय से पहले स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें (यह मां बगलामुखी का प्रिय रंग है) । पूजा स्थान को साफ करें और पीला कपड़ा बिछाएं।
● बगलामुखी यंत्र की स्थापना
बगलामुखी यंत्र को पूजास्थल पर स्थापित करें। यंत्र स्थापित करते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें:
"ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा"
● भोग अर्पण (नैवेद्य)
पीले फूल, हल्दी, मिठाई और पीली दाल का भोग चढ़ाएं। सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
● मंत्र जाप
बगलामुखी बीज मंत्र का 108 बार जाप करें: "ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः" और अनुभवी साधक बगलामुखी गायत्री मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
● व्रत और दान
सूर्यास्त तक व्रत रखें और जरूरतमंदों को हल्दी, पीले कपड़े या भोजन का दान करें।
बगलामुखी यंत्र की शक्ति
बगलामुखी यंत्र देवी की दिव्य ऊर्जा का पावन प्रतीक है। यह यंत्र निम्नलिखित कार्यों में सहायक होता है:
1. शत्रुओं और बाधाओं का नाश
2. न्यायिक मामलों में विजय
3. आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
4. समग्र समृद्धि को बढ़ावा देता है
प्रामाणिक बगलामुखी यंत्र कहां प्राप्त करें?
यदि आप शक्तिशाली और सिद्ध बगलामुखी यंत्र प्राप्त करना चाहते हैं, तो AstroScience द्वारा तैयार किया गया यंत्र एक उत्तम विकल्प है। यह यंत्र मां बगलामुखी के विशेष अनुष्ठान और विधि से संस्कारित करके बनाया जाता है, ताकि साधकों को अधिकतम लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
बगलामुखी जयंती का दिन मां बगलामुखी की विशेष कृपा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है। यदि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और मंत्र जाप करके बगलामुखी यंत्र स्थापित किया जाए, तो साधक अपने जीवन की समस्त बाधाओं को पार कर सकते हैं, शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं और अपने सभी कार्यों में इच्छित सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
मां बगलामुखी की कृपा से आप सभी को शक्ति, विजय और दिव्य रक्षा प्राप्त हो!
"ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः!"
मां बगलामुखी जयंती से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. बगलामुखी जयंती 2025 में कब मनाई जाएगी?
बगलामुखी जयंती 2025 में सोमवार, 5 मई को मनाई जाएगी। यह वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है।
2. मां बगलामुखी की पूजा क्यों की जाती है?
मां बगलामुखी की पूजा शत्रुओं पर विजय पाने, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने, वाणी पर नियंत्रण पाने और मुकदमों व विवादों में सफलता के लिए की जाती है।
3. बगलामुखी जयंती के दिन कौन-कौन से विशेष उपाय करने चाहिए?
इस दिन स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, बगलामुखी यंत्र की स्थापना करें, पीले फूल और हल्दी से पूजन करें, "ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें, व्रत रखें और जरूरतमंदों को पीली वस्तुएं दान करें।
4. बगलामुखी यंत्र का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
बगलामुखी यंत्र का उपयोग शत्रु बाधा निवारण, मुकदमे में सफलता, आत्मबल बढ़ाने, काले जादू से रक्षा और वशीकरण साधना के लिए किया जाता है।
5. प्रामाणिक और सिद्ध बगलामुखी यंत्र कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
प्रामाणिक और विशेष विधि से सिद्ध बगलामुखी यंत्र AstroScience की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है, जो देवी की दिव्य ऊर्जा से पूरित होता है।