जया एकादशी

जया एकादशी - पापों से मुक्ति और मोक्ष का पावन पर्व

जया एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान रखकर व्रत रखने पर भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। इस त्यौहार को आध्यात्मिक, मोक्ष और पापों से मुक्ति का पर्व माना जाता है। इस साल जया एकादशी 8 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है।

 

जया एकादशी व्रत रखने का महत्त्व

 

जया एकादशी सभी हिन्दू भाइयों और बहनों को करनी चाहिए क्योंकि इससे आपके पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, इस व्रत का महत्व महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं युधिष्ठर को बताया था। इस व्रत को रखने से सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर में प्रवेश करके आपके मन को शांति प्रदान करती है।

 

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जया एकादशी की पौराणिक व्रत कथा​

 

जया एकादशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार स्वर्गलोक में इंद्र के दरबार में गंधर्व पुष्पदंत और उसकी पत्नी मालिनी वहां नृत्य कर रहे थे। मालिनी ने इंद्र के दरबार में नृत्य करते समय अपने पति की अनदेखी कर दी, जिससे पुष्पदंत को गुस्सा गया और क्रोध में उसने अपनी पत्नी मालिनी को श्राप दे दिया कि वह मृत्युलोक में राक्षसी बन जाए। 

 

श्राप के कारण मालिनी राक्षसी बन गई और हिमालय पर्वत पर राक्षसी बनकर रहने लगी। बाद में पुष्पदंत को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने मालिनी को श्राप से मुक्त करने का उपाय ढूंढा। उसे पता चला कि जया एकादशी का व्रत करने से मालिनी को श्राप से मुक्ति मिल सकती है। पुष्पदंत और मालिनी ने विधि-विधान से जया एकादशी का व्रत किया, जिससे मालिनी को श्राप से मुक्ति मिली और वे पुनः स्वर्गलोक में वापस गए।

 

 

जया एकादशी व्रत करने की विधि

 

व्रत का संकल्प

 

इस दिन सभी को स्नान करके भगवान विष्णु की वंदना करनी चाहिए और व्रत रखने का संकल्प करना चाहिए जिससे भगवान विष्णु उनकी मनोकामना को पूरा करें।

 

पूजा विधि

 

इस दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा पर तुलसी, फूल माला और मिठाई अर्पित करना चाहिए साथ ही व्रत के उपासक को ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए।

 

भगवान के कीर्तन एवं भजन

 

जया एकादशी में सभी व्रत रखने वालों को कीर्तन करना चाहिए या भजन सुनना चाहिए। व्रत में आप भगवान विष्णु जी के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

 

व्रत समापन

 

अगले दिन यानी द्वादशी के दिन सुबह स्नान करके ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देना चाहिए। व्रत के उपासक को उसके बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।

 

निष्कर्ष  

 

जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जया एकादशी का व्रत हमें यह संदेश देता है कि सच्चे मन से किया गया प्रयास और भगवान विष्णु की कृपा से हम किसी भी कठिनाई से मुक्ति पा सकते हैं। यह व्रत मनुष्य को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है साथ ही उसे मोक्ष की तरफ ले जाता है। 

 

इस पावन अवसर पर आइए, हम सभी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए जया एकादशी का व्रत करें और अपने जीवन को धन्य बनाएं। ऐसी ही महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में जानने के लिए हमारी astroscience वेबसाइट पर विजिट करें।

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