ब्रह्ममुहूर्त और केतु का समय
लाल किताब यह मानती है कि ब्रह्ममुहूर्त का समय 3:30 बजे से शुरू हो जाएगा और यह 3:30 बजे से लेकर जो 6:00 बजे का समय है, यह लाल किताब बोलती है कि केतु का समय है। तो जितने भी किस्म के ज्ञान पाना हो, जिसने भी दुनियादारी के अंदर उतरकर कोई स्पीच देनी हो, अपने बच्चों को पढ़ाना हो, अपने शिष्यों को पढ़ाना हो, महात्मा का नाम लेना हो, उसके नाम पर सोचकर कोई भी पॉजिटिव काम करना हो, ये लोग अगर सुबह 3:30 बजे से 6:00 बजे के बीच में नहीं सोचते, तो वे अपने जीवन के अंदर इस विद्या में प्रांगत नहीं हो सकते। पढ़ाने वाले बहुत हैं, पढ़ाने वाले ऐसे भी हैं जो शायद सुबह 8:00 बजे सोकर उठे, लेकिन अगर रियलिटी में अपने स्टूडेंट के दिल में उतरना है या अपने परमात्मा के दिल में उतरना है, तो आपको यह समय चुनना पड़ेगा क्योंकि यह विधि का विधान है। केतु यानी कि जो पॉजिटिव सोच के मालिक, अध्यात्म के मालिक और दुनिया का भला करने के मालिक और ज्ञान को बहुत दूर तक पहुंचाने के मालिक हैं, अपने ज्ञान का झंडा अपने संस्थान और अपने घर पर लगाने के मालिक वे केतु हैं, क्योंकि केतु ही तो झंडा है जो लगता है।
केतु ही झंडा है और जो कोई भी अपने ज्ञान का झंडा लहराना चाहता है, उसको सुबह 3:30 से 6:00 बजे के बीच में खुद के लिए ज्ञान प्राप्त करना पड़ेगा। तो इसीलिए लाल किताब ने 3:00 बजे से लेकर 6:00 बजे के बीच में केतु को स्थान दिया।
बृहस्पति का समय: ज्ञान बांटने का अवसर
दूसरी बात, अब ज्ञान तो प्राप्त कर लिया, अब देना भी तो है क्योंकि कोई भी ज्ञान प्राप्त करके अपने पास नहीं रखता। तो इसीलिए लाल किताब ने 6:00 बजे से लेकर 8:00 बजे के बीच में टाइम दिया है बृहस्पति का, कि अब गुरु बनकर अपने चेलों को ज्ञान बांटो। तो 6:00 से 8:00 बजे के बीच का समय जो है, वह ज्ञान बांटने का है। इस बीच में अगर आप अपने बच्चों को, अपने चेलों को, जिन्हें भी आप कुछ समझाना चाहते हैं, अगर आप सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच में समझाते हैं, तो उसके अंदर वो वाणी उतरती है, क्योंकि यह बृहस्पति का समय है।
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सूर्य का समय: कार्य और नेतृत्व
उसके बाद 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक का जो समय है, लाल किताब के अनुसार, वो सूर्य का है। तो सूर्य, यानी नौकरी, यानी अपना स्वास्थ्य, यानी हिम्मत करना, यानी अपने आप को स्थापित करने के लिए जो एक चेहरे पर रौब होना चाहिए और जिनको इंस्ट्रक्शन देकर काम करवाना हो, यानी अपने रौब के जरिए, तभी तो अपने आप को बनाएंगे। इंस्ट्रक्शन देने का काम जितना भी है, वो सुबह 8:00 से 10:00 बजे के बीच में करना चाहिए। जो ज्यादातर दुनिया के कामयाब लोग इसी वक्त के अंदर अपने पास काम करने वाले वर्करों को ये इंस्ट्रक्शन देते हैं। इसीलिए लाल किताब के अंदर यह वर्णित है कि सुबह 8:00 से 10:00 बजे का जो समय है, वह सूर्य का है।
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चंद्रमा का समय: ममता और संपत्ति
इसके बाद चंद्रमा, चंद्रमा का 10 से 11 बजे तक का समय है क्योंकि यह एक घंटा है ममतामयी। एक घंटा है प्रॉपर्टी, पैसे और वाहन के लिए सोचना। यह एक घंटा है किस पर दया करनी है, कौन इस दुनिया के अंदर हमारी मदद का पात्र है। उस तक अपनी मदद पहुंचने का जो समय है, भाव है, यह सुबह 10:00 से 11:00 बजे के बीच का होता है। और इस समय के अंदर अगर आपकी जन्म कुंडली के अंदर चौथे घर में बैठे हुए शुभ ग्रह का समय चल रहा है और इस वक्त में अगर आप सोचते हैं 10 से 11 बजे के बीच में, तो आपको नुकसान के चांस बहुत कम हो जाते हैं। आपको स्थायी संपत्ति और स्थायी धन प्राप्त होने की जो सोच है, वो इसी वक्त में प्राप्त होती है।
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मंगल का समय: परिश्रम और ऊर्जा
इसके बाद आ जाता है मंगल, जो कि 11:00 बजे से लेकर 1:00 बजे का समय होता है। और मंगल, आप जानते हैं, जितने भाई, यार-दोस्त, मित्र, पार्टनर, अपने विल के द्वारा, यानी कि जो काम साध्य नहीं है, उनको साधने के लिए जो कोशिश की जाती है, वह अगर आप 11:00 बजे से 1:00 बजे के बीच में करते हैं, तो आपका पूरा शरीर, पूरे शरीर का खून और पूरे शरीर की ताकत आपका साथ देती है 11:00 बजे से लेकर 1:00 बजे के बीच में। तो इसलिए लाल किताब के अंदर 11:00 बजे से लेकर 1:00 बजे का समय मंगल को दिया गया है।
शुक्र का समय: योजना का क्रियान्वयन
इसके बाद फिर ये समय आ जाता है शुक्र का, जो 1:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक चलता है। इसके अंदर आप जो प्लानिंग बना चुके हैं, जो हिम्मत करके करने की कोशिश कर चुके हैं, उसे सही तरीके से एग्जीक्यूट कर सकें और खुशी-खुशी सबको जोड़कर माँ सरस्वती का इस्तेमाल, यानी अपने ज्ञान का और अपनी जान-पहचान का इस्तेमाल करके, आप जहां-जहां तक फैलाना चाहते हैं, जहां-जहां तक कुछ भी खास करना चाहते हैं और आपके अंदर जोश पूरा बरकरार रहे। उस समय के अंदर आप लाँ ना हो, यह समय आपको 1:00 बजे से लेकर 4:00 बजे के बीच में मिलता है, तो यह वर्किंग है। इन सब को कर देने के बाद, यानी सुबह 3:30 बजे से उठकर 4:00 बजे तक जो आपने काम किया है, जब इसका निचोड़ निकालना है कि आपने सही किया या गलत किया और जो किया उसके अंदर कहीं कमी तो नहीं रह गई। और जो मुझसे कमी रह गई है, उससे फायदा कौन उठा सकता है या मुझे फायदा कितना हो सकता है या मुझे नुकसान कितना हो सकता है, यह सोचने का समय बुध का समय होता है, जो 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे के बीच में होता है।
बुध का समय: विवेक और विश्लेषण
इसलिए लाल किताब के अंदर 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक बुद्ध का स्थान दिया गया है या बुध का समय कहा गया है।
राहु का समय: परामर्श और निर्णय
इसके बाद जो 7:00 से 8:00 बजे से पहले का समय है, यह राहु का काम है। या तो कमी निकालकर उसके ऊपर झपटना, एक्सीडेंट भी करवाता है, या पूरा पॉजिटिव सोच के और गहराई में से छांटकर सिर्फ एक या दो व्यक्ति ऐसे निकलना जो जिंदगी के अंदर बहुत ज्यादा काम आ सकें। उनके साथ टेक्निकली डिस्कशन करके अपनी चीज को आगे बढ़ाने के हालात आप जब पैदा करते हैं, वो होता है 7:00 से 8:00 बजे का समय। अपने पास रखे हुए कोई भी ऐसा इंसान जो आपको परामर्श दे सकता है या आपके डिस्कशन में मदद कर सकता है, आपका वह मित्र, आपका वह रिश्तेदार, आपका वह जानकार जो आपको सही मार्ग दिखा सकता है, उसके साथ डिस्कशन का समय शाम को 7:00 से 8:00 बजे का है।
शनि का समय: तपस्या और परीक्षा
उसके बाद तो शनि देव आ जाते हैं, यानी 8:00 बजे से लेकर सुबह 3:30 बजे तक का जो समय है, वह शनिदेव का समय है। अब शनिदेव में तो सारे ही रंग हैं, वह लड़ते भी हैं, भिड़ते भी हैं, प्यार भी करते हैं, ज्ञान भी देते हैं, ऐश-प्रस्थिति भी करवाते हैं, परमात्मा का नाम भी दिलाते हैं। सारे गुण तो शनि में हैं, जो जितना बड़ा आज तक संत हुआ है, साधु हुआ है, वह शनि की कृपा से हुआ है और जो जितना बड़ा आज तक अय्याश हुआ है, वह भी शनि की कृपा से हुआ है। तो इसीलिए शनि के भी दो रूप हमारे शास्त्रों में हैं। एक है - बटुक भैरव - पॉजिटिव सोच के मालिक, अध्यात्म के मालिक, लोक-कल्याण के मालिक और पूरी तरह से दुनिया का भला करने के मालिक। और दूसरे शनि कहे गए हैं काल भैरव - जो लड़ने के मालिक और मारने-मरने के मालिक हैं। तो शनि इस चीज का सपोर्ट लेता है।
अगर आपका मंगल खराब है, तो 11:00 से 1:00 बजे के बीच में धैर्य रखिए, वरना दूसरे की तरक्की देखकर जूलूस के अंदर डूबकर मरोगे और अपनी कमर, पांव, पेट, खून, आंखें सब खराब करोगे। इसी प्रकार से अगर आपका बुध खराब है, तो 4:00 से 7:00 के बीच में बिजनेस करने की कोशिश मत करो, मामला खराब हो जाएगा। और अगर राहु खराब है, तो सांझ के वक्त में, जिसे भी परामर्श करना हो, उस वक्त में प्रभु पूजा कर लो, तो ज्यादा अच्छे रहोगे।