manglik dosh

मांगलिक दोष की सच्चाई: मिथक या वास्तविकता? जानें ज्योतिष की राय

ज्योतिष शास्त्र में ‘मांगलिक दोष’ एक ऐसा विषय है जिसने सदियों से लोगों के मन में जिज्ञासा, भ्रम और डर को जन्म दिया है। खासकर जब विवाह की बात आती है, तो अक्सर सुनने को मिलता है - "लड़का मांगलिक है", "लड़की की कुंडली में मंगल दोष है", "इनका मिलन संभव नहीं है"

 

लेकिन क्या वास्तव में मांगलिक दोष कोई ग्रहदोष है जो जीवनभर परेशान करता है? या यह एक प्रचलित मिथक है जो सामाजिक परंपराओं में अधिक है, विज्ञान में कम? इस ब्लॉग में हम मांगलिक दोष की परिभाषा, इसके पीछे की ज्योतिषीय मान्यताओं, प्रकार, प्रभाव और इस पर आधारित भ्रमों की विस्तार से चर्चा करेंगे।

 

क्या है मांगलिक दोष?

 

मांगलिक दोष (या मंगल दोष) तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। इसे “मांगलिक योग” या “मंगल दोष” भी कहा जाता है।

 

इस स्थिति में माना जाता है कि मंगल की उग्रता और अग्नि तत्व व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में संघर्ष, विवाद, वियोग या दुर्घटनाओं की संभावनाएँ बढ़ा सकते हैं।

 

मांगलिक दोष के कारण

 

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मंगल क्रूर और अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। जब यह विवाह के प्रमुख भावों में आता है तो ये उसके सकारात्मक प्रभाव को बाधित कर देता है। इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

 

1. मंगल का सातवें भाव (विवाह भाव) पर प्रभाव - यह जीवनसाथी से मतभेद बढ़ाता है।

 

2. आठवें भाव में मंगल – यह लंबी आयु, दुर्घटना या वैवाहिक जीवन में अस्थिरता का कारण माना जाता है।

 

3. बारहवें भाव में मंगल – दांपत्य सुख में कमी और तनाव का संकेत देता है।

 

मांगलिक दोष के प्रकार

 

मांगलिक दोष को कई प्रकारों में बाँटा गया है:

 

1. पूर्ण मांगलिक दोष: जब कुंडली में मंगल 1,4,7,8 या 12वें भाव में स्थित हो और उसका कोई शुभ प्रभाव न हो।

 

2. अर्ध या आंशिक मांगलिक दोष: जब मंगल दोष तो हो, लेकिन अन्य ग्रहों या स्थितियों से उसका प्रभाव कम हो जाए।

 

3. उपायों से मुक्त मांगलिक दोष: कुछ विशेष योग जैसे चंद्र मांगलिक या शुक्र की मजबूत स्थिति से दोष का असर कम या समाप्त हो जाता है।

 

मांगलिक दोष के प्रभाव

 

     विवाह में देरी या बाधा

 

     जीवनसाथी से बार-बार झगड़े

 

     तलाक या वैवाहिक जीवन में दूरी या अस्थिरता

 

     दुर्घटना या असमय मृत्यु का भय (विशेष स्थितियों में)

 

     मानसिक तनाव, असंतोष, भावनात्मक असंतुलन

 

मिथक क्या है?

 

भारतीय समाज में मांगलिक दोष को लेकर जो सामान्य धारणाएं बन चुकी हैं, उनमें से कुछ प्रमुख मिथक ये हैं:

 

1. मांगलिक व्यक्ति की शादी मांगलिक से ही हो सकती है।

 

2. मांगलिक दोष होने पर जीवनसाथी की मृत्यु हो सकती है।

 

3. मांगलिक दोष वाला व्यक्ति कभी सुखी वैवाहिक जीवन नहीं जी सकता।

 

4. मांगलिक दोष हटाने के लिए पहले प्रतीकात्मक विवाह (पेड़, जानवर, मूर्ति से विवाह) करना ज़रूरी है।

 

5. इनमें से ज़्यादातर बातें भय पर आधारित हैं, न कि ज्योतिष के ठोस आधार पर।

 

वास्तविकता क्या कहती है?

 

1. हर मंगल दोष खतरनाक नहीं होता - मांगलिक योग का असर पूरी कुंडली के बाकी ग्रहों पर निर्भर करता है। कई बार यह सिर्फ नाममात्र का होता है।

 

2. साम्य मांगलिक दोष का असर नहीं होता - अगर दोनों पक्षों की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो यह संतुलित हो जाता है और असर नहीं करता।

 

3. अन्य शुभ ग्रह प्रभाव को निष्क्रिय कर सकते हैं - अगर कुंडली में गुरु, शुक्र या चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो, तो मांगलिक दोष निष्क्रिय हो सकता है।

 

4. नवांश कुंडली का भी ध्यान जरूरी है - केवल जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति देखना पर्याप्त नहीं, नवांश (D-9) कुंडली भी प्रभाव को तय करती है।

 

5. कई खुशहाल विवाहित जोड़े मांगलिक हैं - ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जहाँ मांगलिक व्यक्ति की गैर-मांगलिक से शादी हुई और उनका जीवन सुखद रहा।

 

क्या हर मांगलिक दोष घातक होता है?

 

यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है। ज्योतिषशास्त्र में केवल मंगल की स्थिति देखना ही काफी नहीं होता। कई बार मांगलिक दोष सिर्फ नाममात्र होता है और उसका असर भी नगण्य होता है। यह इन बातों पर निर्भर करता है:

 

1. कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति

 

2. विवाह भाव (सप्तम भाव) का स्वामी कौन है

 

3. दशा और अंतर्दशा

 

4. नवांश कुंडली की स्थिति

 

5. चंद्र कुंडली में मंगल की स्थिति

 

मांगलिक दोष: विज्ञान बनाम विश्वास

 

अब बात आती है कि क्या मांगलिक दोष एक ज्योतिषीय सच्चाई है या सामाजिक रूप से प्रचलित डर?

 

1. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से

 

कई ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि मंगल एक शक्तिशाली ग्रह है, और कुंडली में उसकी अवस्थिति वास्तव में वैवाहिक जीवन पर अपना प्रभाव डाल सकती है। लेकिन केवल मंगल के आधार पर किसी विवाह को खारिज करना पूर्णतः अनुचित है। पूरी कुंडली का समग्र विश्लेषण करवाना आवश्यक होता है।

 

2. सामाजिक दृष्टिकोण से

 

कई बार मांगलिक दोष के नाम पर अच्छे रिश्ते टूट जाते हैं। कई परिवार भय या कुप्रथाओं के चलते बेटे-बेटियों की शादी रोक देते हैं। यह रवैया ज्योतिष के गहरे ज्ञान की बजाय अंधविश्वास और डर का प्रतीक बन जाता है।

 

मांगलिक दोष के उपाय

 

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है और उसके प्रभाव गंभीर हैं, तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं:

 

1. मांगलिक व्यक्ति से ही विवाह करें - दो मांगलिक व्यक्तियों का विवाह, दोष को संतुलित कर देता है।

 

2. मांगलिक दोष को कम करने के लिए आप Astroscience वेबसाइट से मंगल मंत्र उपचार पोटली भी खरीद सकते हैं। जो मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने में पूर्ण समर्थ है।

 

3. आप एस्ट्रोसाइंस के अनुभवी आचार्यों के द्वारा मंगल दोष निवारण से जुड़े विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान भी करवा सकते हैं।

 

4. मंगल ग्रह की शांति के लिए हनुमान चालीसा, मंगल कवच, भात पूजा, आदि का पाठ कर सकते हैं।

 

5. मंगलवार का व्रत रखें।

 

6. नवग्रह शांति यज्ञ कराएं।

 

7. ग्रह रत्न पहनना - विशेषज्ञ की सलाह से मूंगा (Coral) रत्न धारण कर सकते हैं ।

 

8. कन्या दान विवाह - कुछ विशेष कुंडलियों में पहले एक प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है।

 

मांगलिक दोष से डरें नहीं, समझें

 

मांगलिक दोष कोई शाप या आजीवन दोष नहीं है। सही जानकारी, कुंडली का गहन विश्लेषण और अनुभवी ज्योतिषाचार्य की राय से इसे आसानी से समझा और इसके प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है। डर और अंधविश्वास की बजाय वैज्ञानिक और तार्किक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।

 

निष्कर्ष

 

मांगलिक दोष को लेकर जितना डर समाज में फैलाया गया है, उतनी उसकी वैधता हर कुंडली में नहीं होती। यह एक ज्योतिषीय सिद्धांत है जिसे सही तरीके से समझने की आवश्यकता है। अगर कुंडली में मंगल दोष है तो घबराएं नहीं, बल्कि विशेषज्ञ से विचार-विमर्श कर इसका उचित उपाय करें। अक्सर यह दोष नाममात्र का होता है और उपायों से इसके परिणामों को संतुलित किया जा सकता है।

 

मांगलिक दोष से जुड़े 3 FAQs

 

1. क्या मांगलिक दोष का असर पूरी जिंदगी रहता है?

 

नहीं, मांगलिक दोष का असर दशा, अंतर्दशा और ग्रहों की चाल के अनुसार बदलता रहता है। साथ ही उचित उपायों से इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है।

 

2. क्या दो मांगलिक लोग शादी कर सकते हैं?

 

जी हां, दो मांगलिक व्यक्तियों का विवाह करना सर्वोत्तम उपायों में से एक है क्योंकि इससे दोष का प्रभाव एक-दूसरे पर संतुलित हो जाता है।

 

3. अगर कुंडली में मांगलिक दोष हो, तो क्या विवाह नहीं करना चाहिए?

 

ऐसा बिल्कुल नहीं है। मांगलिक दोष का असर हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। कुंडली का सम्पूर्ण विश्लेषण करवाकर ही कोई निर्णय लें। कई बार मांगलिक दोष नाममात्र होता है।

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