kundali ke grehon se jane

कुंडली के ग्रहों से जानें बिजनेस में रुकावटों के कारण और उनका समाधान

क्या आपने कभी सोचा है कि मेहनत करने के बावजूद भी आपका व्यापार क्यों नहीं चल रहा? क्या आपके बिजनेस में बार-बार अड़चनें आ रही हैं - जैसे आर्थिक हानि, ग्राहक कम होना या निवेश में नुकसान? अगर हाँ, तो इसका कारण केवल बाहरी परिस्थितियाँ नहीं बल्कि आपकी जन्म कुंडली के ग्रह भी हो सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और दशा हमारे जीवन के हर क्षेत्र - चाहे वो नौकरी हो या व्यापार - पर गहरा असर डालती है।

 

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि कौन-कौन से ग्रह व्यापार में सफलता या असफलता दिलाते हैं, कुंडली में इनकी स्थिति कैसे देखी जाती है, और किन उपायों से इन रुकावटों से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

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कुंडली में व्यापार से जुड़े मुख्य ग्रह

 

ज्योतिष शास्त्र में व्यापार से संबंधित प्रमुख ग्रहों की भूमिका इस प्रकार है:

 

1. बुध (Mercury) – व्यापार का स्वामी ग्रह

 

(1) बुद्धि, वाणी, संवाद कौशल और निर्णय क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। व्यापार के लिए यह ग्रह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

(2) मजबूत बुध = समझदारी से निर्णय, तेज़ व्यापारिक बुद्धि

 

(3) कमज़ोर बुध = गलत फैसले, व्यापारिक हानि, झगड़े

 

2. शुक्र (Venus) - विलासिता, आकर्षण और मार्केटिंग

 

अगर आपका बिजनेस फैशन, कला, सौंदर्य, होटल, डिज़ाइन या महिलाओं से जुड़ा है, तो शुक्र का मजबूत होना आवश्यक है।

 

3. मंगल (Mars) – हिम्मत, जोखिम लेने की क्षमता

 

बिजनेस में इन्वेस्टमेंट और तेज़ फैसलों में मंगल की भूमिका अहम होती है। अगर मंगल शुभ है तो व्यक्ति साहसी होता है।

 

4. शनि (Saturn) - मेहनत, स्थिरता और अनुशासन

 

शनि व्यवसाय को लम्बे समय तक चलाने की क्षमता देता है, लेकिन यदि अशुभ हो तो वितरण में विलंब, रुकावटें और घाटा देता है।

 

5. राहु और केतु (Shadow Planets)

 

राहु मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़ा है, जबकि केतु अचानक नुकसान या धोखा दिखा सकता है।

 

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कुंडली में व्यापार के संकेत: कौन से भाव बताते हैं आपके व्यवसाय की दिशा?

 

➤ दसवां भाव (10th House):

 

कर्म और प्रोफेशन का मुख्य स्थान। यहां पर बैठा ग्रह बताएगा कि आपका व्यापारिक जीवन कैसा रहेगा।

 

➤ सातवां भाव (7th House):

 

साझेदारी, डीलिंग और व्यापार से संबंधित है। यदि इस भाव में अशुभ ग्रह हों, तो व्यापार में धोखे की संभावना रहती है।

 

➤ एकादश भाव (11th House):

 

लाभ का घर - यहां की स्थिति दर्शाती है कि बिजनेस से कितना फायदा होगा।

 

➤ तीसरा भाव (3rd House):

 

हिम्मत, प्रयास, कम्युनिकेशन - यह भाव आपकी मेहनत और नेटवर्किंग को दर्शाता है। व्यापार के लिए इसका अच्छा होना ज़रूरी है।

 

व्यापार में रुकावट के प्रमुख ज्योतिषीय कारण

 

1. बुध दोष

 

यदि बुध नीच का हो या पाप ग्रहों (मंगल, शनि, राहु) से पीड़ित हो तो व्यापार में गलत निर्णय और नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।

 

2. शनि की ढैया या साढ़ेसाती

 

इस समय बहुत मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन इसके बावजूद मनचाहा परिणाम नहीं मिलता। देरी, कोर्ट केस, मशीनरी की खराबी जैसी परेशानियां सामने आती हैं।

 

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3. राहु-केतु की दशा या अंतरदशा

 

राहु-केतु भ्रम, धोखा, विवाद, टेक्निकल समस्याएं और मार्केट में नाम खराब करने का कारण बन सकते हैं।

 

4. मंगल दोष या अशुभ मंगल

 

यदि मंगल क्रोधी बना रहा है या सातवें या दसवें भाव में पाप दृष्टि है तो बिजनेस में विवाद और पार्टनरशिप में दिक्कतें आ सकती हैं।

 

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5. कर्ज़ योग

 

छठे भाव में पाप ग्रहों की उपस्थिति यह दर्शा सकती है कि व्यापार कर्ज़ में डूब सकता है।

 

समाधान और ज्योतिषीय उपाय

 

यदि कुंडली में व्यापार से संबंधित योग कमजोर हैं, तो उनके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

 

बुध के लिए:

 

1. बुधवार को हरे रंग के वस्त्र पहनें

 

2. गौ माता को हरा चारा खिलाएं

 

3. “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें (108 बार)

 

4. तांबे की अंगूठी में पन्ना (Emerald) धारण करें (जन्मपत्री देखकर ही)

 

शनि के लिए:

 

1. शनिवार को गरीबों को काले तिल और उड़द दाल दान करें

 

2. पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं

 

3. “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें

 

4. नीले या काले वस्त्र शनिवार को पहनें

 

मंगल के लिए:

 

1. मंगलवार को हनुमान जी का दर्शन करें

 

2. लाल वस्त्र पहनें, लाल मसूर दान करें

 

3. “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का जाप करें

 

4. मूंगा रत्न धारण करें, परंतु कुंडली देखकर ही

 

राहु-केतु के लिए:

 

1. राहु के लिए: “ॐ रां राहवे नमः” - 108 बार जाप

 

2. ॐ कें केतवे नमः – इस मंत्र का जाप 108 बार करें।

 

3. नीले फूल बहते जल में बहाएं

 

4. कुत्ते को रोटी खिलाना भी राहु को शांत करता है

 

व्यवसाय में शुभता लाने के सरल उपाय:

 

1. दुकान या ऑफिस में गणेश जी और कुबेर जी की स्थापना करें

 

2. हर दिन दीपक जलाकर व्यापार स्थल की सफाई करें

 

3. बृहस्पति वार को केले के पेड़ में जल चढ़ाएं

 

4.“श्री सूक्त” और “कुबेर स्तोत्र” का पाठ करें

 

सही समय चुनना - मुहूर्त का महत्व

 

कई बार व्यवसाय सही होता है लेकिन उसका शुभारंभ गलत समय पर किया गया होता है। व्यापार की शुरुआत, दुकान का उद्घाटन, पार्टनरशिप आदि का निर्णय लेते समय मुहूर्त देखना अत्यंत आवश्यक होता है।

 

व्यवसाय के शुभारंभ कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त:

 

1. अभिजीत मुहूर्त

 

2. पुष्य नक्षत्र

 

3. रवि-पुष्य योग

 

4. गुरु-पुष्य योग

 

बुधवार और गुरुवार का दिन व्यापारिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है।

 

वास्तु और व्यापार

 

कुंडली के साथ-साथ वास्तु दोष भी व्यापार में रुकावट का कारण बन सकते हैं। जैसे - मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना, तिजोरी का दक्षिण दिशा में होना, या उत्तर-पूर्व में भारी सामान रखना।

 

सरल वास्तु उपाय:

 

1. दुकान का प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में हो

 

2. तिजोरी उत्तर दिशा की दीवार पर लगाई जाए

 

3. भगवान कुबेर की मूर्ति उत्तर दिशा में रखें

 

4. ऑफिस में बैठते समय आपका चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा में हो

 

मानसिक शांति भी जरूरी

 

कुंडली के उपाय तब तक असर नहीं करते जब तक मन में सकारात्मकता और निष्ठा ना हो। ध्यान, योग और प्रार्थना से मानसिक शक्ति मिलती है, जो किसी भी व्यापार को चलाने में सबसे बड़ा हथियार है।

 

निष्कर्ष:

 

व्यापार में सफलता केवल मेहनत या भाग्य से नहीं, बल्कि ग्रहों की कृपा, शुभ समय, सही निर्णय और सकारात्मक ऊर्जा के सामंजस्य से मिलती है। यदि आपकी कुंडली में व्यापार से जुड़े ग्रह अशुभ हैं, तो डरिए मत - क्योंकि हर ग्रह को शांत करने और अनुकूल बनाने के उपाय भी दिए गए हैं। जन्म कुंडली एक दिशा सूचक यंत्र है - जो आपको सही राह दिखा सकती है। यदि आप सही उपाय अपनाएं, ग्रहों का संतुलन साधें, और कर्म पर भरोसा रखें - तो कोई भी रुकावट ज़्यादा देर नहीं टिकेगी। आपका व्यापार सफल हो - यही शुभकामना है! अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार विशेष सलाह चाहते हैं, तो एस्ट्रोसाइंस के अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन अवश्य लें।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

Q1. क्या हर व्यक्ति व्यवसाय के लिए उपयुक्त होता है?

 

उत्तर: नहीं, हर व्यक्ति का स्वभाव और ग्रह स्थिति बिजनेस के लिए अनुकूल नहीं होती। कुंडली में यदि दसवां, सातवां और एकादश भाव मजबूत हैं और बुध, शुक्र या मंगल जैसे ग्रह शुभ स्थिति में हैं, तो व्यक्ति को बिजनेस में सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।

 

Q2. यदि कुंडली में अशुभ योग हों तो क्या व्यापार पूरी तरह से असफल हो जाएगा?

 

उत्तर: बिलकुल नहीं। ज्योतिषीय उपाय, सही समय पर निर्णय, और कठिन परिश्रम से ग्रहों की अशुभता को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

 

Q3. व्यापार शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त का कितना महत्व है?

 

उत्तर: शुभ मुहूर्त का चुनाव व्यापार की सफलता में अहम भूमिका निभाता है। जैसे खेती के लिए सही मौसम ज़रूरी है, वैसे ही बिजनेस के लिए भी शुभ समय का चुनाव आवश्यक होता है।

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